एक नन्ही परी भाग २
By Digital Life
मुश्किल काम होता था..
खैर जैसे भी हो मुन्नी के माता-पिता ने शिक्षा की व्यवस्था की पर कुछ सालों के बाद पुराने अध्यापक का तबादला हो गया उसके बाद जो नए अध्यापक आए वह शायद ऊंच-नीच जात पात मानते थे उनको मुन्नी से कष्ट होने लगा कि वह एक पिछड़े और आदिवासी निवासी है वह उस छोटी बच्ची से स्कूल की साफ सफाई और पानी लाना इत्यादि कार्य कराने लगे वहां रोज अपने पिता को या बताती कि वह बहुत अच्छे से पढ़ाई कर रही है वह इस स्कूल मैं हुए अभद्र व्यवहार को छुपाने लगी क्योंकि उसको ऐसा लगने लगा कि अगर वह अपने माता-पिता को यह सब बताती तो उसके माता-पिता उसकी पढ़ाई छुड़ा देते वह ऐसा नहीं होने देना चाहती थी!
फिर एक दिन उसी स्कूल में एक नई अध्यापिका आई जोकि पिछड़े आदिवासी ही थी|
और वाह मुन्नी को देखकर बहुत खुश हुई क्योंकि आज ही की तरह उस वक्त भी पिछड़ों को उसी नजर से देखा जाता था जैसे कि वह पृथ्वी पर जन्म लेकर एक अपराध किया है|
Page 2
पेज २
टिप्पणियाँ